प्रशांत किशोर अपनी जन स्वराज यात्रा के कारण चर्चाओं में रहते हैं, लेकिन इस बार उनकी चर्चा उनके उस काम को लेकर हो रही है जिसके लिए वह जाने जाते हैं। चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने साल 2024 में भाजपा गठबंधन को पूर्ण बहुमत मिलने की भविष्यवाणी की है। प्रशांत किशोर के इस दावे पर जब सवाल उठने लगे, तो उन्होंने ट्वीट किया कि पानी पीना अच्छा है क्योंकि यह दिमाग और शरीर दोनों को हाइड्रेट रखता है। जो लोग इस चुनाव के नतीजे के बारे में मेरे आकलन से चकित हैं, उन्हें 4 जून को भरपूर पानी अपने पास रखना चाहिए। इससे पहले प्रशांत किशोर ने कहा था कि 4 जून को एक बार फिर मोदी सरकार की सत्ता में वापसी होगी। इस बार के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी या एनडीए को 303 या इससे ज्यादा सीटें मिलेंगी।
प्रशांत किशोर को एक ऐसे व्यक्ति के रूप में जाना जाता है जिन्होंने पीएम मोदी और बीजेपी के साथ करीबी से काम किया है। 2014 में जब बीजेपी की सरकार बनी थी और नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री बने, तब पूरे अखबारों में जितनी चर्चा नरेंद्र मोदी की थी उतनी ही प्रशांत किशोर की भी। प्रशांत किशोर इस पूरे चुनाव में एक मुख्य व्यक्ति के रूप में उभरकर आए थे। बाद में प्रशांत किशोर बीजेपी से अलग हुए और दूसरे नेताओं के लिए चुनावी रणनीति बनाने का काम किया। ममता बनर्जी, उद्धव ठाकरे, जगन मोहन रेड्डी के साथ पीके ने कांग्रेस के लिए कई राज्यों में काम किया। 2015 में बिहार में जब लालू-नीतीश की सरकार बनी, तब जदयू में शामिल हुए और जदयू के उपाध्यक्ष बने, लेकिन पार्टी से मोहभंग हुआ तो खुद ही बिहार का भ्रमण करने लगे। जन स्वराज प्रशांत किशोर का जनसंपर्क अभियान है जिसमें वह बिहार बदलने की बात कर रहे हैं। लेकिन प्रशांत किशोर एक राजनेता से पहले एक चुनाव रणनीतिकार हैं जो लगातार अपने चुनावी आकलनों को लेकर बयान देते रहते हैं। हालांकि इस बार बीजेपी के सरकार बनने की बात विपक्ष को पसंद नहीं आई और वे प्रशांत किशोर पर हमलावर हैं।
प्रशांत किशोर ने किस आधार पर बीजेपी की तीसरी बार सत्ता में लौटने की भविष्यवाणी की, इसका कारण भी बताया। लेकिन इससे पहले यह जान लीजिए कि प्रशांत किशोर ने आज से पहले जो भविष्यवाणी की है उसका क्या हुआ। 2022 में प्रशांत किशोर ने भविष्यवाणी की थी कि गुजरात और हिमाचल में कांग्रेस की सरकार हारने वाली है। गुजरात में कांग्रेस हार गई, लेकिन हिमाचल में कांग्रेस जीत गई। प्रशांत किशोर हिमाचल में गलत साबित हुए। 2023 में पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव थे। इन राज्यों में भी पीके की भविष्यवाणी गलत साबित हुई। उन तीन राज्यों में बीजेपी ने बंपर जीत दर्ज की जिसके बारे में पीके ने भविष्यवाणी की थी कि बीजेपी कांग्रेस से मामूली अंतर से आगे होगी। तेलंगाना में भी प्रशांत किशोर की भविष्यवाणी गलत साबित हुई। उन्होंने बीआरएस की जीत का दावा किया, लेकिन तेलंगाना में कांग्रेस जीत गई।
प्रशांत किशोर के मुताबिक बीजेपी को उड़ीसा, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल, असम, बिहार, तमिलनाडु, और केरल में 15 से 20 सीटें मिलेंगी। इन राज्यों में बीजेपी को 2019 के लोकसभा चुनाव में 55 सीटें मिली थीं। इन राज्यों में लोकसभा की कुल 192 सीटें हैं। पीके ने कहा कि इन राज्यों में भाजपा का वोट शेयर बढ़ेगा। हालांकि पीके की कई भविष्यवाणी पर कई विशेषज्ञ सवाल उठा रहे हैं। जैसे कि प्रशांत किशोर ने बंगाल में बीजेपी को सबसे ज्यादा सीटें मिलने की बात कही है, जिस पर कई लोग आपत्ति जता रहे हैं। बहरहाल, इतना तो तय है कि प्रशांत किशोर ने बीजेपी के तीसरी बार सत्ता में आने की भविष्यवाणी करके देश के सियासी माहौल को और ज्यादा दिलचस्प बना दिया है। बाकी हकीकत क्या है, यह आपको 4 जून की शाम को मालूम पड़ जाएगा।